14.चंद्र वंश का वर्णन


सहस्त्रों सिर वाले विराट पुरुष नारायण की नाभि सरोवर के कमल से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई। ब्रह्मा जी के पुत्र हुए अत्री। वे अपने गुणों के कारण ब्रह्मा जी के समान ही थे।2



 त्रेता के पूर्व सत्य युग में एकमात्र प्रणव (ॐ कार) ही वेद था।

सारे वेद-शास्त्र उसी के अंतर्भूत थे।

देवता थे एकमात्र नारायण; और कोई न था।

अग्नि भी तीन नहीं, केवल एक था और वरुण भी केवल एक "हंस"ही था।

भागवत महापुराण स्कंद 9 अध्याय 14 श्लोक 48.


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